Monday 22 July 2013

खुश रहो

खुश रहो बस खुश रहो!
यारों हमेशा खुश रहो !!

सुख मिलें या दुःख मिलें 
हर हाल में तुम खुश रहो !!

खाने  को पञ्च पकवान  नहीं ,
दल रोटी में तुम खुश रहो !!

आज यारों का साथ नहीं,
तन्हाई में भी खुश रहो !!

आज वो रूठा रूठा  सा है 
उसकी इस अदा पे  खुश रहो !! 

नहीं मिल पायी तुम्हे प्रियतमा 
उसकी यादों में तुम  खुश रहो !!

जिसको तुम देख नहीं पाते 
उसकी आवाज़  सुनके  खुश रहो !!

कल क्या होगा किसको पता? 
इसलिए आज में ही  खुश रहो !!

जिन्दगी सिर्फ चार दिन की है 
इसलिए हर पल में  खुश रहो !!
बरसा पानी 
तन में लगी आग 
वो नहीं पास 

   ***

न जाने आज की बारिश में क्या बात है 
बरस रहा पानी, और तन में लगी आग है 

      ****

बरसा पानी
प्यास मिटी धरा की 
पर मेरा क्या?