मेरी हिंदी कवितायेँ
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MAJHYA MARATHI KAVITA
Monday 22 July 2013
बरसा पानी
तन में लगी आग
वो नहीं पास
***
न जाने आज की बारिश में क्या बात है
बरस रहा पानी, और तन में लगी आग है
****
बरसा पानी
प्यास मिटी धरा की
पर मेरा क्या?
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