Friday 23 January 2015

क्यां लिखूँ ?

सोचता हूँ  कुछ लिखूँ ,
सोचता  हूँ  क्यां लिखूँ ?

प्यार का अहेसास  हैं,
दिल तेरे  नाम लिखूँ !

तुझे  मेरे  जैसा बनाना हैं
मेरी  तक़दीर तेरे नाम लिखुँ ?

सदा रहे खुश ये चाह है
दुआ में  तेरा नाम लिखू ?

जुग जुग जी तू   लाल मेरे
मेरी उम्र तेरे तेरे नाम लिखुँ ?

सोचता हूँ  कुछ लिखू  ,
सोचता  हूँ  क्यां लिखू ?

तुषार  खेर


Thursday 1 January 2015

नया साल

नया  साल,  पर वही पुरानी प्यास !
तुमसे मिलने की वही पुरानी आस !!

नया साल, पर वही पुराना अहसास !
वही दर्द और वही तन्हाई का आभास !!

नया  साल, पर वही पुराने सिस्टाचार !
दर्द  छुपाने के लिए हसीँ की बौछार !!

नया  साल,पर वही पुराना कारावास !
वही काम और फिर वही  भागम भाग !!

तुषार खेर