मौत आती नहीं इस लिए जिन्दा हूँ
साँसे चल रही इस लिए जिन्दा हूँ
लगता था अब कोई उम्मीद बाकी नहीं
जान अटकी रही इस लिए जिन्दा हूँ
हासिल थी जिंदगीमें खुशियाँ सारी
ख्वाईश गम की रही इस लिए जिन्दा हूँ
दोस्ती, यारी, मुहोबत, वफादारी सब मिली
बेवफाई बाकी रही इस लिए जिन्दा हूँ
नज़रें मिली, यारसे गुफ्तगू भी हुई
खत की चाह रही, इस लिए जिन्दा हूँ
मुश्किलें,उलझने और गम खजाना !
प्यार की डोर रही इस लिए जिन्दा हूँ
तुषार खेर