Friday 18 July 2014

वाह भाई वाह!

उसका मुझसे प्यार करना, वाह भाई वाह!
प्यारका इझहार करना, वाह भाई वाह!

दिल का बेकरार होना, उसे मिलने की आसमें
और अचानक उसका रूबरू होना, वाह भाई वाह!

कैसे कहूँ दिलकी बात, सोचमें था मैं डूबा हुआ
आपस में नज़रों का मिलान, वाह भाई वाह!

उदास श्याम, मै  तनहा  और   दिल परेशां,
ऐसे में उसकी याद आना, वाह भाई वाह!

तमाम उम्र बीती थी  उसके इंतज़ार में,
अब उसक मेरे कब्र पे आना, वाह भाई वाह!

तुषार खेर 

Saturday 12 July 2014

फ़िक्र मत कर

जो जी में आये कर, तू फ़िक्र मत कर !
जिंदगी कर ले बसर, तू फ़िक्र मत कर!!

मिलेगी असफलता या होगा तू सफल ?
पहले कोशिश तो कर, तू फ़िक्र मत कर!!

सोच और अल्फ़ाज़ चाहे हो किसी औरके,
ग़ज़ल नाम अपने कर, तू फ़िक्र मत कर!!

मुश्किल हो राह-ए-गुजर और न हमसफर,
होंसला तो बुलंद रख, तू फ़िक्र मत कर!!

चिंता चिता समान, कह गए ज्ञानी लोग
तू अमल उस पर कर, तू फ़िक्र मत कर

तुषार खेर