Saturday 1 August 2015

तन्हाईयाँ

मै अकेला और मेरी तन्हाईयाँ है |
तेरी याद से लिपटी तन्हाईयाँ है ||

मुझे कहाँ ये तन्हा रहेने देती है ?
मेरे साथ रहेती तेरी परछाईयाँ है |

तस्सवुर में भी उनमें में डूब जाता हूँ |
अजीब  तेरे आँखों की गहराइयाँ है ||

तेरे ख़यालों में ही खोया  रहेता हूँ मैं|
मेरे दिल को भाती तेरी नादानियाँ है||


तन्हाईयों से क्यूं भागते है लोग ?
मुझको लगती प्यारी तन्हाईयाँ है || 


तुषार खेर