ये कौन मुझे मेरे होने का भ्रम दे रहा है?
ये कौन है जो मेरे बदले, मुझे जी रहा है?
**
हम उनके लफ्ज़ सुनने को तरसते रहे.
ख़ामोशी सब कहे गई, हम तरसते रहे.
**
नहीं चाहिए ए खूदा, दो पल की ख़ुशी तेरी
दर्द पाके तुझसे, लिखी है ये शायरी मेरी
**
जागु तो खयालो सी लगे
सोऊ तो ख्वाब सी लगे
मेरी खुदकी जिंदगानी
मुझको अजनभी सी लगे
**
एक रास्ता भुलने से मेरी तक़दीर बदल गई
कभी सोची न थी, ऐसी मंझिले मुक्कमल हुई