Sunday 29 September 2013

हो गई!

सोचा था उससे जल्दी हो गई,
आत्मा मेरी भी  मैली हो गई!

मैंने हँसना जब सिख लिया तो,
दुनिया वालों को मुश्किल हो गई!

ज़िन्दगी में इतनी मुश्किलें बढ़  गई,
मौत की राह अब आसन हो गई!

आईने ने न जाने क्या कहे दिया
मुझसे मेरी पहेचान  हो गई!

मौत के बाद भी आँखे खुली रहे गई
कहेता था 'इंतज़ार की आदत  हो गई!'

तुषार खेर 

Saturday 14 September 2013

देखना है!

कैसे हैं तुम्हारे हाल, देखना है!
मेरी दुआओं का असर देखना है!!

बड़े ऊपर से आप निचे गिरे हैं, जनाब,
गिरके कैसे सम्ह्लें हैं, ये देखना है !

सुना है मौत के मुह से लौटे है आप,
कैसे मौत को दी है मात, देखना है!

मुश्किल हालत मैं आपने सम्हाला कई सख्सों को
सम्हालने वाला खुद लडखडाया कैसे, ये देखना है !