Friday, 18 July 2014

वाह भाई वाह!

उसका मुझसे प्यार करना, वाह भाई वाह!
प्यारका इझहार करना, वाह भाई वाह!

दिल का बेकरार होना, उसे मिलने की आसमें
और अचानक उसका रूबरू होना, वाह भाई वाह!

कैसे कहूँ दिलकी बात, सोचमें था मैं डूबा हुआ
आपस में नज़रों का मिलान, वाह भाई वाह!

उदास श्याम, मै  तनहा  और   दिल परेशां,
ऐसे में उसकी याद आना, वाह भाई वाह!

तमाम उम्र बीती थी  उसके इंतज़ार में,
अब उसक मेरे कब्र पे आना, वाह भाई वाह!

तुषार खेर 

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