Thursday 1 January 2015

नया साल

नया  साल,  पर वही पुरानी प्यास !
तुमसे मिलने की वही पुरानी आस !!

नया साल, पर वही पुराना अहसास !
वही दर्द और वही तन्हाई का आभास !!

नया  साल, पर वही पुराने सिस्टाचार !
दर्द  छुपाने के लिए हसीँ की बौछार !!

नया  साल,पर वही पुराना कारावास !
वही काम और फिर वही  भागम भाग !!

तुषार खेर 

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