Saturday 1 June 2013

याद

साँसों के चलने  की वजह याद है!
मेरे जिन्दा होने की वजह याद है!!

हर चीज़ आम है उसकी गलीमें,
वहां पैर थमने की वजह याद है!

यूँ तो जिन्दगी हो गयी है बेरुखी,
चहेरे के मुस्कान की वजह याद है!

आँखों की ये चमक बे-वजह नहीं है!
उसमें आके बसी तुम्हारी ही याद है!

पता नहीं तुम्हे मैं  याद हूँ के नहीं?
मेरे दिलमें तो बसी तुम्हारी ही याद है!

जुदाई तुम्हारी, मैं  हसके सहे रहा था,

आँखों में आये आंसू की वजह याद है !

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