Sunday 29 September 2013

हो गई!

सोचा था उससे जल्दी हो गई,
आत्मा मेरी भी  मैली हो गई!

मैंने हँसना जब सिख लिया तो,
दुनिया वालों को मुश्किल हो गई!

ज़िन्दगी में इतनी मुश्किलें बढ़  गई,
मौत की राह अब आसन हो गई!

आईने ने न जाने क्या कहे दिया
मुझसे मेरी पहेचान  हो गई!

मौत के बाद भी आँखे खुली रहे गई
कहेता था 'इंतज़ार की आदत  हो गई!'

तुषार खेर 

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