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Showing posts from December, 2014

त्रिवेणी

वक्त के साँचें में ढलता  जा रहा हूँ दुनियां में आगे बढ़ता  जा रहा हूँ मेरे ज़मीर को मैं खोता जा रहा हूँ तुषार खेर

वक्त

जो वक्त के साथ खुदको बदलेगा उसका अच्छा वक्त जरूर आएगा! वक्त कभी अच्छा तो कभी बुरा आएगा मुझे राज़ आया,  आपको भी  आएगा! सुख का वक्त हो या हो दुःख का एक जायेगा और दूसरा आएगा ! आज तेरा है माना, कल  मेरा भी जरूर आएगा सही वक्तपे हर एक का अच्छा वक्त आएगा! इंसान को चाहिए की वकत से डरता रहे कया जाने कब किसपे कैसा वक्त आएगा! तुषार खेर 

गम के सायें

वो ज़ख्म अब तक नहीं  भरे जो मेरे अपनों से  मुझे  मिले वो फासले अब तक नहीं मिटें जो तेरे  बिछड़ने से मुझे  मिले वो गम के सायें नहीं मिटें जो तेरी  खुषी से मुझे  मिले जन्म-मरण के चक्र  नहीं छूटे, जो मेरे  कर्मों से मुझे मिले Tushar Kher