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Showing posts from March, 2013

साथ

सूरज से रोशनी,  सागर से लहेरें, फूलों से खुशबु,  जब अलग होंगे  तब मेरी जान  मैं  तुमसे जुदा  हो सकता हूँ 

मैं जब मर जाऊँगा

मैं  जब मर जाऊँगा,  तब मुझे  मत जलाना ! जिन्दगी भर जलता रहां हूँ,  अब  मुझे  और  मत  जलाना!! जब मेरा अंत होगा,  तब तुम मत रोना ! जिन्दगी भर रोता रहां  हूँ ,  अब और रुदन मत सुनाना !! मेरे मृतदेह  पें तुम  कफ़न मत डालना ! जिन्दगी भर बे-आबरू किया,  अब ढकने का नाटक मत करना !! मेरी अर्थी का बोज़  अपने कंधो पे मत उठाना ! जिन्दगी भर अपना बोझ खुद उठाया है,    अब  उपकार का  बोझ मुझे मत देना !! मेरे निष्प्राण शारीर पे फूल हार मत चढ़ाना ! मेरी वेद्नाके गंध को  फुलोके  सुवास में मत छुपाना !! मेरे शारीर की मिटटी को  आखरी प्रणाम मत करना ! जिदगी  भर पैरो से मारी ठोकरे  अब पैर मेरे मत छूना ! तुषार खेर 

आँखों में

दिखे ममता माता की आँखों में ! कर्तव्य  दिखे पिता की आँखों में !! दिखे ज्ञान गुरु  की आँखों में ! आदर  दिखे  शि ष्य  की आँखों में !! दिखे बदला दुश्मन की आँखों में ! सहयोग  दिखे  मित्र  की आँखों में !!   दिखे घमंड अमिर की आँखों में ! आशा  दिखे  गरीब  की आँखों में !! दिखे समर्पण भक्त की आँखों में ! करुणा  दिखे  भगवान्  की आँखों में !! तुषार खेर 

मैं

दिन में सपने देखू मैं  रात  भर जगता रहूँ मैं  यूँ ही कविता लिखुं मैं  जग में पगला बनूँ मैं  मनमें मनोरथ रचू मैं  आशाओं पर जिऊ मैं  खोया खोया रहूँ मैं  मुझको ही धुंडू  मैं  चहेरे पे हसीं रखूं मैं  मन हि मन में रोऊ मैं  Tushar Kher

मरते वक्त मैं तुझे अपने साथ ले जाऊंगा

ए मेरी जिन्दगी , मैं  तुझे बहुत चाहता हूँ  तुज पे  मैं दिल-ओ-जान  छिडकता हूँ  तेरे बगैर मैं एक पल भी न रहे पाऊंगा  मरते वक्त मैं तुझे अपने साथ ले जाऊंगा  तुषार खेर 

थोडा तो पास आ

है प्यार का सवाल, थोडा तो पास आ मत खड़ी  कर दीवार,  थोडा तो पास आ चिल्ला के कहे सकू, नहीं है ये ऐसी बात  सुनना हो दिलका हाल, थोडा तो पास आ  दूरियाँ तो प्यार में बन सकती है बाधा    सोचके ये   ख़याल , थोडा तो पास आ  दिलको ठंडक मिलती है,मुहूबात की आग से  देखने को ये कमाल,  थोडा तो पास आ तेरी जुदाई तो मार डालेगी मुझे यार  करने आखरी दीदार,  थोडा तो पास आ तुषार खेर 

बेटा - बेटी

अगर  बेटा  मेरा  वारिस है, तो पारस  मेरी बेटी है । अगर मेरा बेटा मेरा वंश है,   तो  मेरा  अंश मेरी बेटी है । अगर बेटा  मेरी आन है , मेरा गुमान मेरी बेटी है। अगर  बेटा  मेरा भाग्य है, तो   विधाता मेरी बेटी है । अगर मेरा बेटा  आग है, तो बाग़ मेरी बेटी है !  अगर मेरा बेटा  दवा है, तो दुआ मेरी बेटी है। इसी लिए कहेता हूँ   यार्रों  क्या फर्क पड़ता है  आने वाला बच्चा  बेटा है या बेटी है!

वोही गम

 बरसों के बाद आज फिर मुहसे शायरी निकल गयी ।  मेरे मौन की मिलकियत न जाने कहाँ खो  गयी ।। वोही गम, वोही दिल का टूटना, वोही अधूरे ख्वाब । इन सब की अब जिन्दगी को आदत सी हो गयी ।। कहाँ से लाऊ मेरे रोने का सबुत ए दोस्त मेरे? दो पल की  मुस्कुराहट मेरी तस्वीर में कैद हो गयी । क्यां बताऊँ तुम्हें मेरे आँखों  की नमी का राज़ ? दिलमें रहेने वाली अब  खयालो से भी बहार हो  गयी । मेरे  दिल के गम तुम्हे कैसे दिखेंगे जनाब ? जूठी हसीं के पीछे उन्हें छुपाने की आदत हो गयी । आज कल मुझे कुछ भी याद नहीं रहेता। लगता है मेरे बुढापे की शुरुआत हो गयी।। तुषार  खेर 

प्रभु उवाच ...

  सुबह सवेरे पंछी का गान बनके  तुमको  संगीत सुनाने  आता हूँ। सूरज के किरणों से सज-धज के  तुम्हारे दर्शन करने आता हूँ। मंदीर में तुम्हारे प्रवेश करते   ही  घंट नाद बन के  स्वागत    करने आता हूँ। रात में जब तुम तन्हा हो जाते हो  चाँद बनके तुम से गुफ्तगू करने आता हूँ। सागर किनारे ठंडी हवा बनके  तुम्हारी थकान मिटने आता हूँ। सागर की लहेंरों  का रूप ले के  तुम्हारा पद-प्रक्षालन  करने आता हूँ। और  तुम्हे मुझसे  ये शिकायत है की  मैं तुमसे मिलने कहाँ आता हूँ? हे मेरे भक्त मुझपे भरोसा रख  मैं हमेशां तुम्हारे साथ ही आता हूँ। तुषार खेर