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मैं जब मर जाऊँगा

मैं  जब मर जाऊँगा,
 तब मुझे  मत जलाना !
जिन्दगी भर जलता रहां हूँ, 
अब मुझे  और मत जलाना!!

जब मेरा अंत होगा, 
तब तुम मत रोना !
जिन्दगी भर रोता रहां  हूँ ,
 अब और रुदन मत सुनाना !!

मेरे मृतदेह  पें तुम 
कफ़न मत डालना !
जिन्दगी भर बे-आबरू किया,
 अब ढकने का नाटक मत करना !!

मेरी अर्थी का बोज़ 
अपने कंधो पे मत उठाना !
जिन्दगी भर अपना बोझ खुद उठाया है,   
अब  उपकार का बोझ मुझे मत देना !!

मेरे निष्प्राण शारीर पे
फूल हार मत चढ़ाना !
मेरी वेद्नाके गंध को 
फुलोके  सुवास में मत छुपाना !!

मेरे शारीर की मिटटी को 
आखरी प्रणाम मत करना !
जिदगी  भर पैरो से मारी ठोकरे 
अब पैर मेरे मत छूना !

तुषार खेर 

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