ये कौन मुझे मेरे होने का भ्रम दे रहा है? ये कौन है जो मेरे बदले, मुझे जी रहा है? ** हम उनके लफ्ज़ सुनने को तरसते रहे. ख़ामोशी सब कहे गई, हम तरसते रहे. ** नहीं चाहिए ए खूदा, दो पल की ख़ुशी तेरी दर्द पाके तुझसे, लिखी है ये शायरी मेरी ** जागु तो खयालो सी लगे सोऊ तो ख्वाब सी लगे मेरी खुदकी जिंदगानी मुझको अजनभी सी लगे ** एक रास्ता भुलने से मेरी तक़दीर बदल गई कभी सोची न थी, ऐसी मंझिले मुक्कमल हुई