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Showing posts from June, 2013

जिंदगानी

  ये  कौन मुझे मेरे होने का भ्रम दे रहा है? ये कौन है जो मेरे बदले, मुझे जी रहा है?                         **  हम उनके लफ्ज़ सुनने को तरसते रहे.  ख़ामोशी सब कहे गई, हम  तरसते रहे.                         **  नहीं चाहिए ए  खूदा, दो पल की ख़ुशी तेरी  दर्द पाके तुझसे, लिखी है ये शायरी मेरी                           ** जागु तो खयालो सी लगे  सोऊ  तो ख्वाब सी लगे  मेरी खुदकी जिंदगानी  मुझको अजनभी सी लगे                           ** एक रास्ता भुलने से मेरी तक़दीर बदल गई  कभी सोची न थी, ऐसी मंझिले मुक्कमल हुई 

त्रिवेणी

                            १  जाते जाते अपना सब कुछ् ले गई , यहाँ तक की सब यादें भी साथ ले  गई पर  गम को साथ ले जाना भूल  गई  !!                       २  स्मार्ट फ़ोन, टेबलेट, लैपटॉप और टीवी है  कार , बंगला और तगड़ा बैंक बैलेंस भी है  इस दिल को  फिर भी  क्यूँ  चैन नहीं है ?

याद

साँसों के चलने  की वजह याद है! मेरे जिन्दा होने की वजह याद है!! हर चीज़ आम है उसकी गलीमें, वहां पैर थमने की वजह याद है! यूँ तो जिन्दगी हो गयी है बेरुखी, चहेरे के मुस्कान की वजह याद है! आँखों की ये चमक बे-वजह नहीं है! उसमें आके बसी तुम्हारी ही याद है! पता नहीं तुम्हे मैं  याद हूँ के नहीं? मेरे दिलमें तो बसी तुम्हारी ही याद है! जुदाई तुम्हारी, मैं  हसके सहे रहा था, आँखों में आये आंसू की वजह याद है !