Skip to main content

काश! ऐसा भी दिन आये !

काश! ऐसा भी दिन आये
मेरे ख्वाबों में आने वाली
अचानक सामने आ जाये

काश! ऐसा भी दिन आये
वो मेरे सामने आ जाये
और मुझे देख शर्मा जाये

काश! ऐसा भी दिन आये
हमारे सामने देखके  वो
बेवजह मुस्कुरा जाये

काश! ऐसा भी दिन आये
मेरे दिलकी  बात वो
बिना कहे ही समझ जाये

काश! ऐसा भी दिन आये
उसके दिल कि बात वो
नज़रों से ही बयान कर जाये

तुषार खेर 

Comments

Popular posts from this blog

चहेरे पे चहेरा

दिल में दबाये गम,  चहेरे पे झूठी हँसी लिए, अपने आप को छलता रहा,  बेदर्द ज़माने के लिए|  सूरत-ऐ-आइना काफी था  दिदार-ऐ-दिल के लिए, किसने कहा था मियां चहेरे पे चहेरा लगाने के लिए ? चार दिन जवानी के काफी थे दास्तान-ऐ-मुहबत के लिए, क्यूँ मांगी थी दुआ रब से लम्बी जिंदगानी के लिए ? रहेमत परवर दिगार की काफी थी  जिन्दगी की राह-ऐ-गुज़र के लिए  किसने कहा था मियां, खुद को खुदा समझने के लिए?

Nilaami 1

नामुमकिन नही

तेरे बगैर जिंदगी जीना .... मुश्किल है, नामुमकिन नही  टूटे दिल का इलाज करना.... मुश्किल है, नामुमकिन नही तेरी यादों को भुला पाना .... मुश्किल है, नामुमकिन नही तेरी जगह, किसी और को देना ... मुश्किल है, नामुमकिन नही आँसुओं को आंखों में रोकना .... मुश्किल है, नामुमकिन नही चहेरे पर झूठी हँसी लाना .... मुश्किल है, नामुमकिन नही तेरी खुशी के लिए इतना करना .... मुश्किल है, नामुमकिन नही हर मुश्किल को आसां करना ... मुश्किल है, नामुमकिन नही नामुमकिन को मुमकिन करना ... मुश्किल है, नामुमकिन नही