Wednesday 4 February 2015

क्या करें?

मन मर जाए मौतसे  पहले तो क्या  करें?
दर्द-ए-दिल हद से गुजर जाएँ  तो क्या करें?

आँख से आंसू  निकल जाएँ   तो क्या करें?
संयम मनपे  न रहे   तो क्या करें?

 नज़र में उनकी छायी है मदहोशियाँ
दिल बे-काबू  हो जाएँ तो क्या करें?

दर्द-ए-दिल मौत की वज़ह बने मुमकिन नहीं
बेपनाह ख़ुशी से गर मर जाएँ  तो क्या करें?

 तुषार खेर 

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