मन मर जाए मौतसे पहले तो क्या करें?
दर्द-ए-दिल हद से गुजर जाएँ तो क्या करें?
आँख से आंसू निकल जाएँ तो क्या करें?
संयम मनपे न रहे तो क्या करें?
नज़र में उनकी छायी है मदहोशियाँ
दिल बे-काबू हो जाएँ तो क्या करें?
दर्द-ए-दिल मौत की वज़ह बने मुमकिन नहीं
बेपनाह ख़ुशी से गर मर जाएँ तो क्या करें?
तुषार खेर
दर्द-ए-दिल हद से गुजर जाएँ तो क्या करें?
आँख से आंसू निकल जाएँ तो क्या करें?
संयम मनपे न रहे तो क्या करें?
नज़र में उनकी छायी है मदहोशियाँ
दिल बे-काबू हो जाएँ तो क्या करें?
दर्द-ए-दिल मौत की वज़ह बने मुमकिन नहीं
बेपनाह ख़ुशी से गर मर जाएँ तो क्या करें?
तुषार खेर
वाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteShukriya Ansuya ji
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