चिता पे जाते जाते ये ज्ञान हासिल किया था ,
मौत ने मुक्ति दे दी, जिंदगी ने छल किया था !
ये पथ्थर-दिल दुनिया बिलकुल नहीं बदली थी
नाहक ही अपने मन को शब्दों में बयाँ किया था !
तब भी सुनाई थी सबको , मैंने मेरी यही कहानी,
मगर तब भी मैंने तेरा नाम न जाहिर किया था !
रिमझिम रिमझिम बारिश, तेरी यादों की हो रही थी ,
तेरे तस्सवुर से आबाद मैंने दिलका चमन किया था !
मेरे दिल की शम्मा मैंने पुरे शब् जला राखी थी
बुझने तक मगर , महेफिल को रोशन किया था !
तुषार खेर
मौत ने मुक्ति दे दी, जिंदगी ने छल किया था !
ये पथ्थर-दिल दुनिया बिलकुल नहीं बदली थी
नाहक ही अपने मन को शब्दों में बयाँ किया था !
तब भी सुनाई थी सबको , मैंने मेरी यही कहानी,
मगर तब भी मैंने तेरा नाम न जाहिर किया था !
रिमझिम रिमझिम बारिश, तेरी यादों की हो रही थी ,
तेरे तस्सवुर से आबाद मैंने दिलका चमन किया था !
मेरे दिल की शम्मा मैंने पुरे शब् जला राखी थी
बुझने तक मगर , महेफिल को रोशन किया था !
तुषार खेर
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