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पोपी

कितनी प्यारी सुंदरता है पोपी कि
फैली है मीठी सी खुश्बू पोपी कि
मेरी जिंदगी का अनमोल तोहफा है पोपी
मेरी अँधेरी जिंदगी का उजाला है पोपी
पोपी कि प्रशंशा करना आसान नही
क्यूँ कि उसको समझना आसान नहीं
वसंत ऋतु में जैसे फूल खिले
प्यारमें पोपी का चहेरा खिले
गुलाबकी पंखुड़ियों से अधर पोपी के
काले घने घटा से केसु पोपी के
पोपी कि आवाज़ जैसे कोयल कि बोली
सिर्फ अपनोसे कर बातें, वर्ना वो अबोली
ममता से भरा दिल पोपी का
प्यार बाटना काम पोपी का
मेरी ईश्वर के चरणो में है यही दुआ
पोपी का दामन रहे खुशियों से भरा

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Nilaami 1

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