डर डर के जी रहा हूँ
मर मर के जी रहा हूँ
दोस्तों ने दगे दिए
माफ़ करके जी रहा हूँ
झेले गम के कई मौसम
फिरभी हसके जी रहा हूँ
टुटा दिल और टूटे कई सपनें
नए सपनों के साथ जी रहा हूँ
तुम तो छोडके चले गए
तुम्हारी यादमें जी रहा हूँ
सुख दुःख तो आवें जावें
यही सोच के जी रहा हूँ
जीने की कोई राह दिखती नहीं
भगवान् भरोसे जी रहा हूँ
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