Tuesday, 8 January 2013

एक तितली, रंग बिरंगी

एक तितली, रंग बिरंगी 
दो दिनकी उसकी जिन्दगी 
हसते  हसते वो  फिर भी 
फूलों में प्यार बांटती गयी 
सुगन्ध फ़ैलाने की  सिख 
 फूलों को   देती  गयी 
एक तितली, रंग बिरंगी 

जैसे मैंने हर रंग को अपनाया है 
सुख दुःख के रंगों को अपनाना 
जैसे मैंने अपने सौंदर्य से
 कुदरत को है  सजाया 
अपनी अच्छाई से आप 
मानवता को सजाना 
ऐसी उमदा  सिख  वो 
मानव को देती गयी 
एक तितली, रंग बिरंगी 

मेरी  तरह आपकी भी 
जिन्दगी है बहुत छोटी 
प्यार मुहूबत बांटके 
संवार लेना लोगो की जिन्दगी 
इंसानों को प्यार भरी 
सिख दे गयी एक तितली 
दो दिन की जिसकी जिन्दगी 

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