कभी खुदपे कभी हालत पे हँसी आई
याद आई बात तो, हर बात पे हँसी आई!
उसने जब पूछा मेरे दुखी होने का सबब
उसने जब पूछा मेरे दुखी होने का सबब
मेरे दुखी होने की वजाह पे मुझको हँसी आई!
हम तो समझे थे की बरसात में बरसेगी फिजां
आई बरसात तो मेरी समझ पे हँसी आई!
जिन्दगी भर मैं मौत से डरता रहा
आई जब मौत तो, जिद्गानी पे हँसी आई
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