Monday 28 October 2013

अच्छा लगता है!

क्या इंतज़ार करना अच्छा लगता है?
क्यूँ कहता है? "सबकुछ अच्छा लगता है!"

बगैर गलती के जो बन्दा झुक जाता है,
परवर दिगार  को वोही अच्छा लगता है!

मेरा कहा सबकुछ चुपचाप सुनता है,
इसीलिए मुझे आईना अच्छा लगता है!

जब भी मिलता है दिल दुखाता  है,
फिर भी वो सख्श अच्छा लगता है!

जब भी याद आता है, मुझे बहुत रुलाता है
उसका याद आना, फिर भी, अच्छा लगता है!

तुषार खेर 

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