जिंदगी के गम इस कदर बढे दिल पे न रहा काबू हमारा हाल जब हुआ बेहाल हमारा थाम लिया हमने मधु का प्याला। शाम को आनेका था वादा उनका मगर कब तक करते इंतज़ार उनका जब लगा की अब न होगा दीदार उनका थाम लिया हमने मधु का प्याला। दिल जिस वक्त टूटा हमारा न निकली आह न हुआ हंगामा न रुकी जब आँसूओं की धारा थाम लिया हमने मधु का प्याला। दिल हो गया है लहू लुहान न ये चाह की तन में रहे प्राण अब हमें चाहिए विष भरा प्याला किस काम का ये मधु का प्याला?