जिन्दगी भर जलाके इनको चैन कहाँ?
मेरे शब् को जलाने के लिए
देखो कितने लोग आये है यहाँ.
पूरा शब् जलने तक इनको करार कहाँ?
जब तक राख न हो जाऊं
कुछ लोग जरूर रुकेंगे यहाँ.
नाम-ओ निशान मिटाएँ बगैर इनको आराम कहाँ?
मेरी अस्थियाँ गंगा में बहाने
कल फिर यही लोग आयेंगे यहाँ.
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