मेरी हिंदी कवितायेँ
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MAJHYA MARATHI KAVITA
Monday 29 October 2012
तेरी दुनिया से आए है.
तेरी दुनिया से जरूर आए है,
हम न कोई चोर, न ही डाकू है।
उस दुनिया की एक भी चीज़
हम अपने साथ नही लाये है।
सुन ले तू, ओ दुनिया के मालिक
अरे जिसे हम साथ ले कर गए थे,
वो सोने सा देह भी
हम वहीं पर छोड़ आए है।
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