माँ की कोख से बेटी बोली,
मुझे भी जन्म लेने दे, माई।
मै भी तेरे काम आउंगी,
मुझ पे भरोसा रख तू , माई।
मुझको भी तू भाई की तरह,
स्कूल-कोलेज में भेजना, माई,
पढ़-लिखकर, काबिल बनकर,
पैरों पे अपने खड़ी होउंगी, माई।
कराटे, जूडो, मार्शल आर्ट
सब सीखूंगी भाई के साथ।
अपनी रक्षा ख़ुद करुँगी,
तू मत कर चिंता , माई।
अपने लिए लड़का भी,
तू कहे तो, ख़ुद ही ढुँड लुंगी , माई।
शादी और दहेज़ का खर्चा भी,
अपनी कमाई से जोड़ लुंगी, माई ।
बुढापे में आप और तात,
मेरे घर में रहेना, मेरे साथ,
बुढापे की लाठी बनुंगी,
बिल्कुल सच कहती हूँ , माई।
ये तो सोच तू ,मेरी माई,
सब करे तेरे जैसा, माई,
बेटे जनने के लिए कहाँ से
फ़िर मिलेगी कोई माई?
इसी लिए कहती हूँ ,माई
मुझको भी जन्म लेने दे, माई.
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